Menu
blogid : 14266 postid : 1335773

पता है, अक्सर तुम याद आ जातें हों।

छोटी छोटी सी बाते
छोटी छोटी सी बाते
  • 49 Posts
  • 191 Comments

पता है, अक्सर तुम याद आ जातें हों।

पताहै,

अक्सरतुमयादजातेंहों।

सौंधीसौंधीख़ुशबूवोंमें,

बादलोंकेगुछोंमें,

हरफूलकीनरमीमें,

पहलीबारिशकीबूँदोंमें,

सरसारतीहवाओंमें,

स्वतंत्रउड़तेपंछियोंकोदेखकर

पताहै,

अक्सरतुमयादजातेंहों।


टिमटिमातेतारोंमें,

नवरंगनज़ारोंमें,

खिलखिलातीनदियोंमें,

पर्वतकीऊँचीचोटियाँमें,

रातकीनिखरीचाँदनीमें,

रंगबिरेंगेफ़व्वारोंकोदेखकर

पताहै,

अक्सरतुमयादजातेंहों|


किसीसोचकेगलियारेमें,

उर्दूकेकठिनअल्फ़सोमें,

अल्लाहकीआयनमें,

ईश्वरकीइबादतमें,

रागमल्हारमें,

चिड़ियोंकीप्रेमप्रस्तुतिदेखकर

पताहै,

अक्सरतुमयादजातेंहों|


पुरानीकिताबोंकीसिलवटोमें,

औरउसमेंमुरझाएमोरकीपंखुड़ीयोंमें,

वोडायरीमेंलिखीतुम्हारीछोटीछोटीग़ज़लोंमें,

तुम्हारेटेढ़ेमेड़ेंचित्रकारियोंमें,

तुम्हारेहाँथोंसेलगायेंपौधोंमें,

मेरीपर्शमेंरखीतुम्हारीस्टैम्पसाइज़फ़ोटोकोदेखकर

पताहै,

अक्सरतुमयादजातेंहों


अंतमेंएकप्रश्नछोड़ेजारहाहूँतुम्हारेलिये……


इतनाफ़ायक़नहींथामैं,

इतनाफ़ाज़िलभीनहीं,

मैंतोपाकिजथाअपनेविचारोंसे,

फिरनासाफ़क्यूँहुआतुम्हारेलिए ?

नासाफ़क्यूँ ?

यतींद्र


फ़ायक़ –महान

फ़ाज़िल– निपुण

नासाफ़–अपवित्र

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply